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कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में – सम्पूर्ण जानकारी, विधि, तिथि और शुल्क (2025)
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🔱 कालसर्प दोष क्या होता है?
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब उसे कालसर्प दोष कहा जाता है।
यह दोष व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, मानसिक चिंता, करियर में रुकावट, आर्थिक परेशानी और पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है।
इस दोष के निवारण के लिए कालसर्प दोष निवारण पूजा (Kaalsarp Dosh Nivaran Puja) अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।
🕉️ कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में क्यों करें?
उज्जैन भारत का सबसे प्राचीन और पवित्र तीर्थ है जहाँ भगवान शिव महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं।
यहाँ भगवान महाकाल “समय के स्वामी” माने जाते हैं, इसलिए यहाँ किया गया कालसर्प दोष निवारण सबसे फलदायक होता है।
कालसर्प पूजा (Kaal Sarp Puja) और सिद्धवट घाट पर किया गया निवारण व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता को दूर करता है और शुभ फल देता है।
🌿 हमारी विशेष पूजा सेवा – विश्वसनीय और भरोसेमंद
हम उज्जैन के सबसे भरोसेमंद पूजा सेवा प्रदाता हैं।
हमारा उद्देश्य है कि हर भक्त को संतुष्टि और पूर्ण विधि से पूजा का लाभ मिले।
हमारी टीम के पंडित वैदिक परंपरा के अनुसार पूरी विधि से कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में संपन्न कराते हैं।
💰 पूजा शुल्क: ₹3500 (सभी टैक्स सहित)
इस शुल्क में शामिल है:
- पंडित जी शुल्क
- पूजा सामग्री (संपूर्ण)
- संकल्प और दोष निवारण विधि
- कुंडली विश्लेषण
- पूजा स्थल व्यवस्था
- फोटो या वीडियो अपडेट (अनुरोध पर)
📌 कोई अतिरिक्त या छिपा हुआ शुल्क नहीं।
📅 कालसर्प दोष पूजा की शुभ तिथियाँ (2025)
नीचे दी गई तिथियाँ पंचांग और राहु-केतु नक्षत्र के अनुसार शुभ मानी जाती हैं —
| माह | शुभ तिथियाँ (2025) |
|---|---|
| जनवरी | 10, 18, 26 |
| फरवरी | 8, 14, 22 |
| मार्च | 3, 12, 20 |
| अप्रैल | 7, 15, 25 |
| मई | 6, 14, 22 |
| जून | 2, 10, 18 |
| जुलाई | 9, 17, 26 |
| अगस्त | 6, 14, 23 |
| सितम्बर | 4, 12, 20 |
| अक्टूबर | 3, 11, 19 |
| नवम्बर | 1, 9, 18 |
| दिसम्बर | 7, 15, 24 |
(इन तिथियों पर पूजा करने से फल शीघ्र प्राप्त होता है।)
🪔 पूजा की विधि (Kaalsarp Pooja Vidhi)
1️⃣ कुंडली विश्लेषण: पंडित जी पहले आपके दोष का प्रकार पहचानते हैं।
2️⃣ संकल्प: आपका नाम, गोत्र और उद्देश्य लेकर भगवान महाकाल के समक्ष संकल्प किया जाता है।
3️⃣ नाग पूजन और राहु-केतु शांति: विशेष मंत्रों से पूजा संपन्न होती है।
4️⃣ हवन: अग्नि में आहुति देकर दोष निवारण किया जाता है।
5️⃣ आरती और आशीर्वाद: अंत में प्रसाद और आशीर्वाद दिए जाते हैं।
✅ क्या करें (Do’s)
- पूजा से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- पूजा के दौरान पूर्ण श्रद्धा रखें।
- उपवास या हल्का फलाहार करें।
- पूजा के बाद शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएँ।
❌ क्या न करें (Don’ts)
- पूजा के दिन मांस, शराब या नशा न करें।
- नकारात्मक विचार या झगड़ा न करें।
- पूजा अधूरी छोड़कर न जाएँ।
- बाल या नाखून न काटें।
📲 ऑनलाइन कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें?
1️⃣ हमें WhatsApp या वेबसाइट के माध्यम से संपर्क करें।
2️⃣ अपनी जानकारी (नाम, गोत्र, जन्मतिथि) भेजें।
3️⃣ पूजा की तिथि चुनें।
4️⃣ ₹3500 का भुगतान कर बुकिंग कन्फर्म करें।
5️⃣ पूजा पूर्ण होने पर आपको फोटो/वीडियो और प्रमाण मिलेंगे।
हम 100% ग्राहक संतुष्टि और विश्वासपूर्ण सेवा की गारंटी देते हैं।
🌸 क्यों करें पूजा हमारे साथ
🌿 उज्जैन का सबसे विश्वसनीय पूजा सेवा समूह
🌿 अनुभवी पंडितों द्वारा पूर्ण वैदिक विधि से पूजा
🌿 पारदर्शी शुल्क – ₹3500 (सभी टैक्स सहित)
🌿 फोटो/वीडियो सुविधा
🌿 सिद्धवट और महाकाल क्षेत्र में पूजा
🌿 हर भक्त की संतुष्टि हमारा ध्येय
🕉️ निष्कर्ष
यदि आप जीवन में लगातार संघर्ष, रुकावट, या अशांति का अनुभव कर रहे हैं, तो कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में करवाना एक उत्तम उपाय है।
भगवान महाकाल की नगरी में की गई Kaal Sarp Puja आपके दोषों को शांत कर जीवन में सुख और सफलता लाती है।
हमारी टीम उज्जैन में सबसे विश्वसनीय और अनुभवी सेवा प्रदाता है — जो आपको संपूर्ण विधि से पूजा का वास्तविक लाभ दिलाती है।
📿 विश्वास रखें – पूजा हम करेंगे, आशीर्वाद महाकाल देंगे।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. कालसर्प दोष पूजा का शुल्क कितना है?
👉 पूजा शुल्क ₹3500 (सभी कर सहित) है, इसमें पंडित शुल्क और सामग्री शामिल है।
Q2. क्या पूजा ऑनलाइन करवा सकते हैं?
👉 हाँ, आप kaal sarp dosh puja online बुक कर सकते हैं। संकल्प आपके नाम और गोत्र से किया जाता है, और पूजा का पूरा लाभ मिलता है।
Q3. पूजा में कितना समय लगता है?
👉 लगभग 2 से 2.5 घंटे में पूरी विधि संपन्न होती है।
Q4. पूजा कहाँ होती है?
👉 उज्जैन में महाकालेश्वर क्षेत्र या सिद्धवट घाट पर।
Q5. क्या पूजा से दोष पूरी तरह समाप्त होता है?
👉 हाँ, वैदिक विधि से संकल्पपूर्वक की गई पूजा दोषों को शांत करती है और शुभ परिणाम देती है।

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