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महामृत्युंजय जाप – अकाल मृत्यु और रोगों से रक्षा का सर्वोत्तम उपाय

🕉️ महामृत्युंजय जाप पूजा उज्जैन में – अकाल मृत्यु और रोगों से रक्षा का सर्वोत्तम उपाय

महामृत्युंजय मंत्र, जिसे रुद्र मंत्र या त्र्यम्बक मंत्र भी कहा जाता है, वैदिक ऋग्वेद से लिया गया है।
यह भगवान शिव के तीन नेत्रों वाले रूप की उपासना का प्रतीक है।
यह मंत्र न केवल मृत्यु पर विजय दिलाने वाला है, बल्कि आरोग्य, आयु, और समृद्धि का वरदान भी प्रदान करता है।

मूल मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥


महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

  • त्र्यंबकं – तीन नेत्रों वाले भगवान शिव, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त रूप हैं।
  • यजामहे – हम उनकी आराधना करते हैं।
  • सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् – जो जीवन में स्वास्थ्य, सुख, और पोषण का विस्तार करते हैं।
  • उर्वारुकमिव बन्धनान् – जैसे पक चुकी फल डंठल से अलग हो जाता है, वैसे ही जीवन को मृत्यु से अलग करें।
  • मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् – हमें मृत्यु और रोग से मुक्त कर अमृत समान जीवन प्रदान करें।

इस मंत्र का नियमित जाप मन, शरीर, और आत्मा – तीनों को शुद्ध करता है और साधक को निर्भयता, दीर्घायु, और मानसिक शांति प्रदान करता है।


🌿 महामृत्युंजय जप के प्रमुख लाभ

  • अकाल मृत्यु से रक्षा और दीर्घायु की प्राप्ति
  • गंभीर रोगों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति
  • मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि
  • पारिवारिक समृद्धि और वैवाहिक सुख की प्राप्ति
  • पितृ दोष, कालसर्प दोष और ग्रह बाधा से राहत
  • जीवन में भय, अवसाद, और नकारात्मकता का अंत

🔥 महामृत्युंजय जाप के प्रकार

जाप का प्रकारकुल मंत्रपुजारियों की संख्याअवधि
लघु महामृत्युंजय जाप21,0007 पंडित1 दिन
मध्यम महामृत्युंजय जाप51,0005 पंडित3 दिन
महामृत्युंजय महायज्ञ1,25,0007 पंडित5 दिन

यह जाप साधक की इच्छा और परिस्थिति के अनुसार कराया जा सकता है।


🕯️ महामृत्युंजय जाप पूजा विधि (Step-by-Step)

  1. संकल्प:
    पंडित द्वारा यजमान का नाम, गोत्र, नक्षत्र, और उद्देश्य सहित संकल्प लिया जाता है।
  2. कलश स्थापना:
    पवित्र जल, धान्य, पुष्प, बिल्वपत्र और रुद्राक्ष के साथ कलश स्थापित किया जाता है।
  3. महामृत्युंजय मंत्र जाप:
    सोमवार से सोमवार तक प्रतिदिन मंत्र का जप किया जाता है — कुल 1,25,000 बार।
  4. हवन (अग्नि अनुष्ठान):
    जप के उपरांत अग्नि में घृत, जौ, और औषधियों की आहुति देकर पूर्णाहुति दी जाती है।
  5. पुण्याहवाचन एवं प्रसाद वितरण:
    पूजा के पश्चात भक्तों को प्रसाद और आशीर्वाद प्रदान किया जाता है।

कुल अवधि: 3–7 दिन
📿 पंडित: अनुभवी वैदिक आचार्य
📍 स्थान: महाकालेश्वर या सिद्धेश्वर मंदिर, उज्जैन


🕉️ महामृत्युंजय जाप उज्जैन में क्यों करवाएं?

उज्जैन — भगवान महाकाल की नगरी — वह स्थान है जहाँ मृत्यु भी मोक्ष में बदल जाती है
यहाँ किया गया महामृत्युंजय जाप हजारों गुना फल देता है क्योंकि यह भूमि स्वयं शिवतत्व से परिपूर्ण है।

हमारे अनुभवी वैदिक पंडितगण आपकी जन्मकुंडली और नक्षत्र के अनुसार व्यक्तिगत संकल्प लेकर जाप संपन्न कराते हैं।

📿 सभी आवश्यक सामग्री, आवास, और व्यवस्था हमारे द्वारा की जाती है।


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✅ व्यक्तिगत संकल्प एवं कुंडली आधारित पूजा
✅ वैदिक पंडितों द्वारा शुद्ध विधि से आयोजन
✅ ऑनलाइन / ऑफलाइन पूजा की सुविधा
✅ परिवार सहित भाग लेने की व्यवस्था

📍 स्थान: महाकालेश्वर / सिद्धेश्वर मंदिर, उज्जैन
📱 संपर्क करें: [आपका संपर्क नंबर या वेबसाइट लिंक]


FAQs – महामृत्युंजय जाप से जुड़े सामान्य प्रश्न

Q1. महामृत्युंजय जाप कब करवाना सबसे शुभ होता है?
➡ सोमवार, महाशिवरात्रि, सावन, या प्रदोष के दिन यह पूजा अत्यंत फलदायक होती है।

Q2. क्या यह पूजा केवल बीमार व्यक्ति के लिए होती है?
➡ नहीं, यह सुरक्षा, लंबी आयु, और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी की जाती है।

Q3. क्या ऑनलाइन महामृत्युंजय जाप करवाया जा सकता है?
➡ हाँ, उज्जैन से लाइव वीडियो माध्यम द्वारा यह पूजा ऑनलाइन भी संपन्न करवाई जा सकती है।

Q4. कितनी बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए?
➡ कम से कम 108 बार प्रतिदिन, और विशेष अनुष्ठान में 1,25,000 बार जप किया जाता है।


🕉️ महाकाल की कृपा से लंबी आयु, आरोग्य और शांति प्राप्त करें।

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