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मूंगा रत्न क्यों पहनना चाहिए? जानिए इसके लाभ, पूजा विधि और पहनने का तरीका
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मूंगा यानी लाल मूंगा (Red Coral) मंगल ग्रह का रत्न होता है। यह साहस, आत्मविश्वास, ऊर्जा और निर्णय क्षमता को बढ़ाने वाला रत्न है। अगर कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ हो, कमजोर हो या मांगलिक दोष हो, तो मूंगा रत्न अत्यंत शुभ प्रभाव देता है।
मूंगा रत्न किस ग्रह से संबंधित है?
मंगल ग्रह (Mars) — मंगल साहस, पराक्रम, बल, भूमि और भाई से संबंधित ग्रह है। जब यह ग्रह अशुभ भाव में या नीच का हो तो जीवन में संघर्ष, क्रोध, दुर्घटना और भूमि विवाद हो सकता है। मूंगा रत्न मंगल को शुभ बनाता है।
किन लोगों को मूंगा पहनना चाहिए?
- जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष हो
- बार-बार चोट, दुर्घटना, ऑपरेशन या रक्त संबंधी परेशानी हो
- साहस और आत्मविश्वास की कमी हो
- कोर्ट-कचहरी और भूमि विवाद से परेशान हों
- जिनका कार्यक्षेत्र पुलिस, आर्मी या प्रशासन से जुड़ा हो
पहनने का सही तरीका
- दिन: मंगलवार
- समय: सुबह 6 से 8 बजे के बीच
- धातु: तांबा या सोना
- उंगली: अनामिका (रिंग फिंगर)
- रत्न का वजन: 5 से 7 रत्ती
- पहले दिन क्या करें: मूंगा को गंगाजल, शुद्ध जल, कच्चे दूध और शहद से शुद्ध करें, फिर मंगल देव की पूजा करें।
मूंगा रत्न की पूजा विधि
- एक लाल कपड़ा बिछाएं और मूंगा रत्न को उस पर रखें।
- हल्दी, कुंकुम, लाल फूल, अक्षत और दीपक अर्पित करें।
- मंगल देव का ध्यान करके नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
- फिर रत्न को तांबे या सोने की अंगूठी में पहनें।
मूंगा रत्न के लाभ
- आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि
- निर्णय क्षमता मजबूत होती है
- भूमि संबंधी मामलों में लाभ मिलता है
- रक्तचाप और हीमोग्लोबिन संबंधी रोगों में राहत
- मांगलिक दोष से मुक्ति और वैवाहिक जीवन में सुधार
जरूरी सावधानियाँ
- मूंगा हमेशा शुद्ध और बिना दरार वाला होना चाहिए
- राहु, केतु और शनि के रत्नों के साथ मूंगा न पहनें
- अत्यधिक क्रोधी या अस्थिर मन वाले लोग इसे विशेषज्ञ की सलाह से ही पहनें
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र.1: क्या सभी लोग मूंगा पहन सकते हैं?
नहीं, यह आपकी कुंडली के मंगल ग्रह की स्थिति पर निर्भर करता है। विशेषज्ञ सलाह जरूरी है।
प्र.2: क्या मूंगा हमेशा तांबे में ही पहनना चाहिए?
तांबा श्रेष्ठ होता है, लेकिन सोने में भी पहना जा सकता है।
प्र.3: मूंगा कितने दिनों में असर करता है?
यदि रत्न शुद्ध और सही विधि से पहना गया हो, तो 15 से 30 दिनों में प्रभाव दिखने लगता है।
प्र.4: क्या मूंगा का असर स्थायी होता है?
जी हां, यदि नियमित पूजा और मंगल देव का स्मरण किया जाए तो इसका असर लंबे समय तक रहता है।

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