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लहसुनिया रत्न: केतु के प्रभाव को करे शांत, जानें पहनने की विधि, पूजा और लाभ
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लहसुनिया (Lehsuniya), जिसे अंग्रेज़ी में Cat’s Eye कहा जाता है, केतु ग्रह का रत्न है। केतु एक रहस्यमयी छाया ग्रह है जो मोक्ष, रहस्य, रोग, अचानक हानि, दुर्घटना, आत्मिक विकास और तंत्र-मंत्र से जुड़ा हुआ है। जब केतु अशुभ होता है तो व्यक्ति को बिना कारण भय, बुरे सपने, दुर्घटनाएं और मानसिक बेचैनी सताने लगती है।
लहसुनिया किस ग्रह का रत्न है?
केतु (Ketu) — यह ग्रह कर्मों का फल देता है और अदृश्य बाधाओं, रोगों, असमंजस, और मानसिक भटकाव से संबंधित होता है। केतु की दशा में व्यक्ति को तंत्र-मंत्र, भय और आध्यात्मिक उलझनों का सामना करना पड़ता है।
किन लोगों को लहसुनिया पहनना चाहिए?
- जिनकी कुंडली में केतु अशुभ स्थान पर हो
- केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो
- बुरे सपने, नींद में डर या कोई अदृश्य भय सताता हो
- अचानक चोट, दुर्घटना या ऑपरेशन की नौबत आई हो
- आध्यात्मिक कार्यों में सफलता चाहिए
- तंत्र-मंत्र या अदृश्य बाधाएं परेशान कर रही हों
पहनने का सही तरीका
- दिन: मंगलवार या शनिवार
- समय: सूर्यास्त से पूर्व
- धातु: चांदी या पंचधातु
- उंगली: अनामिका (Ring finger) या छोटी उंगली
- रत्न का वजन: 3 से 7 रत्ती तक
- पहले दिन क्या करें: गाय के दूध, गंगाजल और शुद्ध जल से धोकर पूजा करें
लहसुनिया रत्न की पूजा विधि
- काले या भूरे कपड़े पर लहसुनिया रखें
- धूप, दीप, तिल और चंदन अर्पित करें
- केतु मंत्र का 108 बार जाप करें: “ॐ कें केतवे नमः”
- फिर इसे अंगूठी में धारण करें
लहसुनिया के लाभ
- तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत बाधा से रक्षा
- मानसिक डर और बुरे स्वप्न से मुक्ति
- अचानक हानि या दुर्घटना से सुरक्षा
- गुप्त शत्रुओं से राहत
- ध्यान और अध्यात्म में वृद्धि
- आत्मिक ऊर्जा का जागरण
जरूरी सावधानियाँ
- बिना कुंडली देखे लहसुनिया न पहनें
- लहसुनिया तेज प्रभाव देता है, गलत ढंग से पहनना नुकसानदायक हो सकता है
- नकली रत्न पहनने से नुकसान हो सकता है
- लहसुनिया को मंगल या राहु के रत्नों के साथ न पहनें
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र.1: क्या लहसुनिया पहनने से डर और भय खत्म होता है?
हाँ, यह केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करता है और आत्मबल बढ़ाता है।
प्र.2: लहसुनिया कितने समय तक असर करता है?
यह लगभग 3–5 वर्षों तक प्रभावशाली रहता है।
प्र.3: क्या लहसुनिया पहनने से भूत-प्रेत बाधा दूर होती है?
हाँ, यह तंत्र-मंत्र और नेगेटिव एनर्जी से सुरक्षा करता है।
प्र.4: क्या इसे बिना कुंडली देखे पहना जा सकता है?
बिलकुल नहीं, क्योंकि यह तेज रत्न है और केवल योग्य व्यक्ति को ही पहनना चाहिए।
अगर आप असली और शुद्ध लहसुनिया खरीदना चाहते हैं, तो हमसे संपर्क करें।
नकली रत्नों से सावधान रहें! नकली या गलत ढंग से पहना गया लहसुनिया उल्टा असर कर सकता है। प्रमाणित रत्न और सही पूजा विधि ही अपनाएं।

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