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लहसुनिया रत्न: केतु दोष शांति का रहस्यमयी रत्न

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लहसुनिया, जिसे अंग्रेज़ी में Cat’s Eye कहा जाता है, केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाला एक रहस्यमय रत्न है। यह रत्न उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनकी कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में हो या केतु महादशा चल रही हो।


लहसुनिया किस ग्रह का रत्न है?

केतु — यह छाया ग्रह है जो आध्यात्मिकता, रहस्य, विच्छेद, अचानक परिवर्तन, रोग और मोक्ष से संबंधित होता है। केतु जब कुंडली में अशुभ हो, तो मानसिक बेचैनी, दुर्घटनाएं, रोग, धोखा और अकेलापन जीवन में आने लगता है।


किन लोगों को लहसुनिया पहनना चाहिए?

  • जिनकी कुंडली में केतु दोष, केतु महादशा, या केतु की अंतर्दशा चल रही हो
  • जो कालसर्प योग, नाग दोष, या अचानक बाधाओं से परेशान हों
  • जिनकी आध्यात्मिक रुचि हो और साधना में प्रगति चाहें
  • जो अनजानी विपत्तियों, रोग या आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे हों
  • जिन्हें तंत्र बाधा, दृष्टिदोष या बुरे स्वप्न आते हों

पहनने का सही तरीका

  • दिन: मंगलवार या बृहस्पतिवार
  • समय: सूर्यास्त के बाद
  • धातु: चांदी या पंचधातु
  • उंगली: छोटी उंगली (Little finger)
  • रत्न का वजन: कम से कम 3 से 7 रत्ती
  • स्थान: अंगूठी या लॉकेट में

लहसुनिया रत्न की पूजा विधि

  1. रत्न को कच्चे दूध, गंगाजल और शुद्ध जल से धो लें
  2. पीले कपड़े पर रखें, चंदन, धूप, फूल अर्पित करें
  3. केतु मंत्र का 108 बार जाप करें: “ॐ कें केतवे नमः”
  4. मंत्र जाप के बाद रत्न को धारण करें

लहसुनिया के लाभ

  • केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को शांत करता है
  • तंत्र, दृष्टिदोष और अदृश्य बाधाओं से रक्षा करता है
  • आध्यात्मिक शक्ति और साधना में सहायता करता है
  • अचानक होने वाली दुर्घटनाओं और हानि से बचाव करता है
  • मानसिक बेचैनी और डर को दूर करता है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है

जरूरी सावधानियाँ

  • केवल कुंडली जांच के बाद ही धारण करें
  • नकली लहसुनिया न पहनें — इसका असर उल्टा हो सकता है
  • असली लहसुनिया में बिल्ली की आंख जैसी चमक स्पष्ट दिखती है
  • इसे धारण करने के बाद संयमित जीवनशैली जरूरी है

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्र.1: क्या लहसुनिया सभी को पहनना चाहिए?
नहीं, केवल उन्हीं को जिनकी कुंडली में केतु दोष हो।

प्र.2: क्या लहसुनिया से तंत्र बाधा खत्म होती है?
हाँ, यह तांत्रिक और दृष्टिदोष से रक्षा करता है।

प्र.3: क्या यह रत्न साधना में मदद करता है?
बिलकुल, यह साधक के लिए विशेष फलदायी माना गया है।

प्र.4: इसका असर कब दिखता है?
सही पूजा और विधि से पहना गया लहसुनिया 15-30 दिन में असर दिखाता है।


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नकली रत्नों से सावधान रहें। बाज़ार में नकली और केमिकल से चमकाए हुए लहसुनिया बिकते हैं, जिनसे लाभ नहीं बल्कि हानि होती है। प्रमाणित रत्न और पूजा विधि से ही इसे धारण करें।


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