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पितृ दोष निवारण पूजा – पूर्वजों के श्राप से मुक्ति का वैदिक उपाय

🕉️ पितृ दोष क्या होता है?

पितृ दोष (Pitra Dosh) कुंडली में दिखाई देने वाला एक आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दोष है, जो व्यक्ति के पूर्वजों के अधूरे कर्मों या श्राप का परिणाम होता है।
जब कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों के श्राद्ध, तर्पण या दान-पुण्य को नहीं करता, तो उनकी आत्माएँ असंतुष्ट रह जाती हैं और यह स्थिति “पितृ दोष” के रूप में प्रकट होती है।

ज्योतिष के अनुसार, यह दोष तब बनता है जब सूर्य, राहु, केतु, चंद्र या शुक्र ग्रह किसी विशेष भाव में आकर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।


🌿 पितृ दोष के कारण

  1. श्राद्ध व तर्पण का अभाव – पूर्वजों की आत्माओं को समय-समय पर तर्पण न करना।
  2. पूर्वजों के अधूरे कर्म – अधूरी इच्छाएँ या अपूर्ण संस्कार।
  3. अकस्मात या असामान्य मृत्यु – जब परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु अशांत रूप से होती है।
  4. पूर्वजों के द्वारा किए गए पाप या अन्यायपूर्ण कर्म

⚖️ पितृ दोष के लक्षण

  • बार-बार संतान की समस्या या संतान प्राप्ति में विलंब
  • आर्थिक रुकावटें और धन का स्थायित्व न रहना
  • परिवार में असामंजस्य और बार-बार झगड़े
  • स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ जो बिना कारण बनी रहें
  • सपनों में पूर्वजों का आना या बार-बार मृत्यु के संकेत मिलना

🔮 पितृ दोष निवारण पूजा विधि

पितृ दोष निवारण पूजा को विशेष रूप से उज्जैन, गया, और त्र्यंबकेश्वर जैसे पवित्र तीर्थों में करना अत्यंत फलदायक माना गया है।

मुख्य चरण इस प्रकार हैं:

  1. स्नान एवं शुद्धिकरण – स्वयं और स्थान को पवित्र किया जाता है।
  2. संकल्प व पूजा प्रारंभ – पंडित द्वारा संकल्प लेकर पितृों का आह्वान।
  3. पितृ तर्पण एवं पिंड दान – पूर्वजों को जल, तिल, और अन्न अर्पित किए जाते हैं।
  4. हवन व मंत्रोच्चार – यजुर्वेद एवं गरुड़ पुराण के मंत्रों से हवन।
  5. दान व भोजन व्यवस्था – ब्राह्मणों को भोजन व वस्त्र दान किया जाता है।

इस पूरी विधि में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगता है और यह पंडित की देखरेख में शास्त्रोक्त रूप से सम्पन्न होती है।


🌺 पितृ दोष निवारण पूजा के लाभ

  • पितृ ऋण और पूर्वजों के श्राप से मुक्ति
  • संतान प्राप्ति और परिवार में स्थिरता
  • आर्थिक समृद्धि और कार्यों में सफलता
  • घर में शांति, सौहार्द और सकारात्मक ऊर्जा
  • आत्माओं को मोक्ष और संतानों को आशीर्वाद

🕉️ उज्जैन में पितृ दोष निवारण पूजा क्यों करें?

उज्जैन को मोक्षदायिनी भूमि कहा गया है।
यहाँ महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साक्ष्य में किए गए पितृ कर्म का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
हमारे अनुभवी पंडित पूर्ण वैदिक विधि से पितृ दोष निवारण पूजा कराते हैं – जिसमें संकल्प, हवन, तर्पण, और ब्राह्मण भोजन सब सम्मिलित होता है।

📿 पूजा सामग्री, आवास और संपूर्ण व्यवस्था हमारी ओर से उपलब्ध।


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📍 स्थान: सिद्धवट घाट, उज्जैन, क्षिप्रा नदी के तट पर
📱 संपर्क करें: 7201092290


FAQs – पितृ दोष से जुड़े सामान्य प्रश्न

Q1. पितृ दोष कब बनता है?
➡ जब पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट रहती है या श्राद्ध कर्म न किया जाए।

Q2. क्या पितृ दोष केवल मृत पूर्वजों से संबंधित है?
➡ हाँ, यह उन्हीं आत्माओं से जुड़ा है जो मोक्ष नहीं पा सकीं।

Q3. पितृ दोष निवारण पूजा कहाँ करना श्रेष्ठ है?
➡ उज्जैन, गया, और त्र्यंबकेश्वर जैसे तीर्थों में सबसे शुभ माना गया है।

Q4. क्या यह पूजा ऑनलाइन बुक की जा सकती है?
➡ हाँ, आप हमारी वेबसाइट से ऑनलाइन पूजा बुक कर सकते हैं।


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अपने परिवार में सुख, समृद्धि और संतुलन लौटाएं।


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